कल रात देखा जो उसे झरोखे से
हाले दिल बयां कर दिया उस से
तराशे हुए पत्थर से चमकते हो
हे चन्द्रदेव ! तुम कितने सुंदर दिखते हो
छोटे छोटे तारों के बीच , बड़े बड़े दिखते हो
हे चन्द्रदेव ! तुम कितने सुंदर दिखते हो
काले काले मेघों से जब, लुक्का छिप्पी खेलते हो
हे चन्द्रदेव ! तुम कितने सुंदर दिखते हो
कभी आधे अधूरे , कभी पूरे पूरे दमकते हो
हे चन्द्रदेव ! तुम कितने सुंदर दिखते हो
काली अमावस की रात में ,
तुम्हारा घर बिन बिंदिया की दुल्हन लगता है
उसका हर श्रृंगार अधूरा लगता है
मैं राह देखूंगी तुम्हारी उस पूर्णिमा की बेला में
जब तुम हे चन्द्रदेव ! सबसे सुंदर दिखते हो |