दोहे रमेश के \"विश्व महिला दिवस\" पर


पेंडिंग हों जहँ रेप के, . केस करोड़ों यार !
तहँ रमेश महिला दिवस, लगता है बेकार !!

कहने को महिला दिवस,. सभी मनाएं आज।
नारी की लुटती रहे, ….मगर निरंतर लाज !!

बेटी माँ सासू पिया,..सबका रखे खयाल !
नारी के बलिदान की,क्या दूँ और मिसाल !!

नारी के सम्मान की, बात करें पुरजोर !
घर में बीवी का करें,तिरस्कार घनघोर!!

नारी का होता नहीं, वहां कभी सम्मान !
जहां बसे इंसान की ,.. सूरत में हैवान !!

उलट पुलट धरती हुई,बदल गया इतिहास !
पृथ्वी पर जब जब हुआ नारी का उपहास !!

नारी को ना मिल सका,उचित अगर सम्मान !
शायद ही हो पाय फिर भारत का उत्थान !!

नारी की तकदीर में,. कहाँ लिखा आराम !
पहले ऑफिस बाद में,घर के काम तमाम !!

सास ससुर बच्चे पती,जो भी रहता साथ !
ध्यान सभी का आपको,काम करे निस्वार्थ !!

नारी ही करती नही,नारी का सम्मान !
नारी के गुणधर्म की,कैसे हो पहचान !!


तारीख: 19.03.2018                                    रमेश शर्मा









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