है कौन दोस्त

है कौन दोस्त,आज मैैं समझाता हूँ
दोस्ती का वास्तविक अर्थ बतलाता हूँ
जिसके पास ना हो कोई स्वार्थ
खुद से करे दूसरों को कृतार्थ
वही है दोस्ती का असली शब्दार्थ

जिसकी पहचान ना कोई जाति,वंश या धर्म से होती है
उस दोस्त की सच्ची दोस्ती ही बस एक मिसाल होती है
खून के रिश्ते से भी ऊपर होता है जिसका ओहदा
गंगा जल से भी पवित्र होता है जिसका रिश्ता

बहती रहती है जिसकी अविरल पवित्र धारा
होता है वो दोस्त ही है जगत में सबसे प्यारा
भटकते जब भी दोस्त संसार के मोहजाल में
खींच लाता है उसे सच्चा दोस्त अच्छाई की  प्रकाश में
छोड देता है जब जग मुश्किलों की राह में
सच्चा दोस्त ही साथ देता है तब जिंदगी की राह  में
 


तारीख: 05.06.2017                                    रोहित सिंह









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