बस इत्तू-सा प्यार चाहिए

मेरे आँगन के सन्नाटे को ,
तेरी पायल की झंकार चाहिए ;
झम-झम बरसते सावन में ,
पकौड़ी की दरकार चाहिए ।

बस इत्तू-सा प्यार चाहिए ,
बस इत्तू-सा प्यार  ।

माटी के घर की चौखट को ,
वीर सपूत का दीदार चाहिए ;
मेरे नटखट चंचल मन को ,
माँ की फटकार चाहिए ।

बस इत्तू-सा प्यार चाहिए ,
बस इत्तू-सा प्यार  ।

पल-पल तेरी चाहत का ,
मुझको मूलाधिकार चाहिए ;
मेरे घर की संसद को ,
बहुमत की सरकार चाहिए ।

बस इत्तू-सा प्यार चाहिए ,
बस इत्तू-सा प्यार ।

मीठी मिश्री-सी प्रियसी से ,
मीठी-मीठी तकरार चाहिए ;
थक-हारकर घर को आते ही ,
" ए जी " की पुकार चाहिए ।

बस इत्तू-सा प्यार चाहिए ,
बस इत्तू-सा प्यार ।
 


तारीख: 05.06.2017                                    अतुल मिश्र "अतुल अकेला"









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