जीवन जीवन जीवन है संसार-धरा
उससे-मुझ से है संसार-भरा
धर्म अर्थ की गिनती है काम मोक्ष की विनती है
गिनती उसकी आती है विनती उसकी भाती है
इस गिनती और विनती पे जीवन का आधार पड़ा