जीवन की किताबों पर,
बेशक नया कवर चढाइए
परन्तु बिखरे पन्नों को
पहले प्यार से तो चिपकाइए ।
जीवन मिला अनमोल हमें,
इसे निरर्थक मत गवाइए ।
मेहनत की कसौटी में कसकर,
इसे सार्थक तो बनाइए।
माना तुझे फुर्सत कम है,
पर कुछ मेहनत तो कीजिए।
आलस के बोझ तले दबकर,
जीवन को बोझिल मत बनाइए ।
बिन बुलाइए मेहमान बनकर,
दूसरों के घर मत जाइए ।
रेलगाड़ी के सिग्नल से तू ,
जरूरी सीख पाइए।।
मन कोस जमाने को तू,
उसे अपनी ताकत दिखाइए।
पद, प्रतिष्ठा पाने को तू
बच्चों को पढ़ने बिठाइए ।।
गरीब-अमीर गाँव-शहर की,
रहमत मत लगाइए ।
हम किसी से कम नहीं,
बस यह हौसला बताइए ।।
बबिता प्रकाश के जैसी,
कर्म की जोत जगाइए।
सीना तान मेहनत करो,
ऐसी सफलता पाइये।