ख्यालों की दुनिया

ख्यालों की दुनिया क्या गज़ब है यारों
वहां न भीड़ है न रोशनी चुभती है!


मेरे जीने की अदा बदल जाती है वहां
ख्यालों की दुनिया ले जाती है जहाँ...!


किसी की सियासत नहीं चलती
मेरे उसूलों का सिलसिला है वहां!


सुकून है उस जहाँ मैं
हक़ीक़त से परे क़रार है


फर्क नहीं होता मेरी काबिलियत और नाकामी पर वहां! 
ख्यालों की दुनिया ले जाती है जहाँ


मेरे जीने की अदा बदल जाती है वहां!

 


तारीख: 03.08.2017                                    सारा ख़ान









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