माँ, अम्मा,ईजा ,आई ,माता ,मम्मी ,मॉम,
मोमी,अम्मी ,मदर
अनेको नाम एक ही पहचान
एक ऐसा अटूट बंधन
जो जुड़ा हो न केवल गर्भ से
जिसका प्रारम्भ हो ममतामय ह्रदय से
एक ऐसा अनोखा भाव
जो है हम सभी के जीवन का आधार
आँख खुली तो जिसके हाथों में थे
रोते चेहरे से टुकटुक करके जिसे निहार रहे थे
बस एक वही दिन जब कोई उन आंसुओ को देख के
मुस्कुरा रहा था
जाने कितने सपनो को संजो रहा था
तबसे हो गए दिन रात उसके बराबर
जब एक और जीवन जुड़ गया एक नयी
उपाधि पाकर
बारम्बार जिसकी लोरी कहानियो से
मन उल्लासित हो जाता
वहीँ दुःख परेशानी और पीड़ा में
बार बार वह नाम याद आता
कब कहाँ कैसे कोई चीज़ रखी हो
जिसका उत्तर केवल एक ही व्यक्ति दे पाता
सभी समस्याओं का हल जिस एक के पास ही मिल पता
गलती पर पढ़ने वाली मार का डर
और परीक्षा में अचे अंक आने का उत्साह देख
जिसकी आँखों में प्रेम उमड़ कर आता
आपकी सुई जैसी नयी चीज़ सीखने पर भी
जो समस्त संसार को दिखाना चाहता
दूसरो से आपकी कमियों को छिपाकर
बाद में खुद उनको लेकर समझाता
चाहे कितनी तंदुरुस्ती हो
फिर भी आपका वो चेहरा उसे लगता कुम्हलाता
सूरज से भी पहले जो आपको जगाता
पढाई करते आप और परीक्षा का भय
जिसे आपसे ज़्यादा सताता
कैसा हुआ कितना आया यह प्रश्न जिसे
चिंतित कर जाता
कभी कभी तो बिना कुछ बोले ही
वो मन सब भांप जाता
पकवानों में तो जैसे
कोई जादू की छड़ी हाथों में हो
कि जब कुछ फरमाइश हो
हाज़िर कर जाता
एक ऐसा अमूल्य रिश्ता
जो बदले में भी केवल आपकी ही ख़ुशी और
सफलता चाहता
माँ.. यह तू ही तो है
जिसे में हूँ सबसे प्यारा