माँ मुझे जीने दो,
अभी तो सब तरफ अँधेरा है ,
माँ रोशनी की किरण तो छूने दो,
माँ मुझे जीने दो,
माँ बस एक तेरा सहारा है,
तेरा आँचल मेरा बसेरा है,
थोड़ी ममता की फुहार आने दो,
माँ मुझे जीने दो,
बंजर धरती को सींचने के लिए,
पानी, खाद और बीज लगता है,
माँ, मैं तो बस तेरा दुलार चाहती हूँ ,
माँ मुझे बस तेरी आस है,
मेरी सांसो की डोरी बस तेरे पास है,
माँ डोरी टूटने मत दो ना,
माँ मुझे जीने दो ना,
माँ जमाना जालिम है ,
मुझे बचाना तेरे लिए मुश्किल है,
पर माँ आज तू माँ है,
क्यूंकि कभी किसी माँ ने,
गुहार सुनी थी ,
माँ आज तू एक माँ है,
क्यूंकि कभी किसी माँ ने,
तुझे जिन्दा रखा था,
माँ उस माँ का वास्ता,
माँ मुझे जीने दो,
तेरा हाथ थाम कर जुलम सह लूँगी,
कभी कोमल तो कभी कठोर बनकर,
दुनिया के थपेड़ो को तर लूँगी,
माँ जीने दो ना,
माँ तेरी तम्मना पूरी करुँगी,
तेरे हर रूप की पूरक मैं ,
तेरी आशाओं की परिभाषा बनुँगी,
माँ जीने दो ना,
माँ छिपी हूँ तेरे गर्भ मे,
देखना चाहती हूँ माँ तुझे,
माँ अंदर बिताये पलों की साक्षी,
माँ तुझ संग बाहर आकर,
अनगिनत पल वास्तव मे जीना चाहती हूँ,
माँ तेरी ममता के एहसास को महसूस करना चाहती हूँ,
माँ ! माँ ! सुनो ना,
माँ जीने दो ना,
हर पल, हर लम्हा,
माँ जीना चाहती हूँ,
जीने दो ना ! माँ तुम तो समझो,
जीने दो माँ !
माँ मुझे जीने दो ना!