माँ , तेरी याद आती है ,
बाबा की याद आती है .
दिन वो याद आते है ,
जब चले थे साथ हम .
तेरी लोरी , बाबा की थपकी ,
भैया की मस्ती , घर की याद आती है .
माँ , तेरी याद …
बाबा जो कहते , हम करते ,
सारे नियम और कायदो पर चलते .
उनकी हर सीख को सर आंखो पर रखते .
फिर क्यूँ माँ , हम कहाँ चूक गए,
सीडी चढ़ने निकले थे , क्यूँ नीचे खींच लिए गए .
माँ , तेरी याद …
बाबा ने कहा , नाना से सुना , जालिम है जमाना
संभाल कर चलना ,
माँ चलना सीख रहे थे , क्यूँ फिर रोंदे गए ,
क्यूँ माँ प्यार का साथ नहीं , ज़ालिमो का हाथ मिला .
इस तनहाई से डर लगता है , चीखते है पर , कोई नहीं सुनता है .
माँ तेरी याद
माँ , दादी ने कहा था , नाम कर जाना कुछ ऐसा कम कर जाना .
क्यूँ माँ मौत ने पहले बुला लिया ,
हम हारे नहीं माँ ,
जाते जाते जमाने को हराया हमने .
मौत को गले लगा , जालिमो को मौत तक पहुचाया हमने .
माँ , दादी से कहना नाम कर गए है ,
हर बेटी के लिए मिसाल बन गए है हम ,
लड़ना और लड़ते रहना कह गए है हम .
हम नहीं है माँ , पर हर दिल में एक निरभ्या बन गए है हम .
माँ तेरी याद