मच्छर

मच्छर आते हैं,
अपने दलों के साथ आते हैं,
प्रत्येक घर जाते हैं,
अनभिलाषित हैं,
ये वो जानते हैं,
सुबह से शाम,
भन्न-भन्नाते है,
अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराते हैं,
मच्छर आते हैं,
अपने दलों के साथ आते हैं।

एक दिन वो ,
अचानक विलुप्त हो जाते हैं,
भोले मानस, ना वो हर्ष
ना दुःख प्रकट कर पाते हैं।


तारीख: 24.12.2017                                    भेड़िया









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