मुखौटा

बार-बार जिसे मुखौटा कहते हो
क्या यही तो तुम नहीं ?
और जिसे कहते हो कि तुम हो,
कहीं वो मुखौटा तो नहीं?
क्या है मुखौटा ?
और, कौन हो तुम ?
हर रोज़,
बताते हो मुझे।
क्यों बताते हो मुझे ?
खुद को बहलाते हो 
या
तुम्हें इन सब की ख़बर ही नहीं ?

 


तारीख: 24.12.2017                                    सर्वांगी मिश्रा









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