पलाश का फूल

जब तुम्हारे सारे मौसम के फूल खिल जाए,

जब तुम्हारे जीवन में पतझड़ आ जाए

जब समझ ना आए क्या किया जाए

जब उम्मीद का एक कतरा न बचा हो

 

तब मुझे याद करना ! 

मैं तुम्हारे जिंदगी में आऊंगा पलास का फूल बनकर 🌸

 

फूलों की बाहर बनकर 

उम्मीद का एक तिनका बनकर

पतझड़ के बाद नए जीवन का बौर लेकर..

 

बतलाऊंगा क्या होता है प्रतिकूल में जीना ,

जब सब झड़ जाए तो अकेले कैसे खिलना, 

खिलना फिर खिल कर गिरते रहना

फिर भी खिलते रहना

अपने स्वभाव से अकेले कैसे चमकना

सुंदरता का असली मतलब बताना सुंदर अपने पत्ते और डाल से नहीं ।

सुंदर अपने फूल से होना।🍁🌸 

     ~भूपेंद्र कुमार यादव


तारीख: 31.03.2025                                    भूपेन्द्र कुमार यादव




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