प्रेम

गर तुम्हें फूलों की खूबसूरती से प्रेम हो तो बागीचे में जाना,
लेकिन तोड़ कर फूलदान में हरगिज़ न सजाना,
क्योंकि यह प्रेम नहीं है!


गर तुम्हें चिड़िया के रंगों से प्रेम हो तो जंगल में जाना,
लेकिन चिड़िया पकड़कर पिंजरें में कैद न करना,
क्योंकि यह प्रेम नहीं है!


गर तुम्हें किसी के प्रति दिल से प्रेम हो तो खुद के भीतर उतरना,
लेकिन उससे दिल लगाकर फिर प्रेम न मांगना,
क्योंकि यह प्रेम नहीं है!


तारीख: 08.02.2020                                    सुजाता









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