खूशबू ए वतन मिट्टी की
हमेशा बरकरार रहेगी
शहीद ए आरजू फना होने की
वीरगति को प्राप्त होकर भी
कफन ए तिरंगे की तमन्ना
एक बार नही बार-बार रहेगी ।
नमन कंरू तुझे हे भारत माँ
तुझपे अपने प्राण न्योछावर कर दूं
झुका दूं शीश सारे जहां का तेरे चरणों में
ये मेरी आवाज बुलंद हौसला बन
मेरी जुबां पर आखिरी सांस तक रहेगी
जन्म मिला तेरी गोद मिली
तेरे मममतामयी आंचल तले जवानी मिली
बुढ़ापा देखने की चाह मुझको नही
सौभाग्य मेरा मेरी कुर्बानी हे मात् मेरी
तेरे चरणों तले हमेशा जवान रहेगी ।
हे मात् मेरी मेरी शहादत पर आंसू न बहाना
मेरे सभी अपनो का हौंसला बढ़ाना
मुझे जिस माँ ने जन्म दिया
मेरी उस माँ को हे मात् मेरी
मेरे जीवित होने का
हर घड़ी एहसास कराना ।
होने वाली है शादी मेरी बहनो की
दहेज मांग करी है दस तोले गहनो की
है कर्ज का बोझ पिता जी पर मेरी पढ़ाई का
हे मात् मेरी उस कर्ज के बोझ को चुकाना
लगाना मेंहदी मेरी बहन के हाथो में
उस पगली के चेहरे पर मुस्कान खिलाना
मेरी शहादत से खिले फूलो से
मेरी आरजू का आंचल महकाना
विदा हो जब मेरी बहन दुल्हन बन
हंसाना उसे खुशियो की शहनाई बन
कहना उससे हे मात् मेरी
उसकी राखी की मिठास हमेशा अमर रहेगी
मेरी कुर्बानी हे मात् मेरी
तेरे चरणों तले हमेशा जवान रहेगी
कफन ए तिरंगे की तमन्ना
एक बार नही बार-बार रहेगी ।
सांसो पर मेरी
हे मात् मेरी
पहला हक तेरा है
जब-जब जन्म मिले
मिले तेरा आंचल तेरी गोद
एक यही हे मात् मेरी
मेरा तुझसे कहना है
जन्नत की अभिलाषा मुझे नही
लहराता रहे तिरंगा तेरा आंचल बन
तिरंगे में सिमटकर भी
मेरी आत्मा यही कहती रहेगी
मेरी कुर्बानी हे मात् मेरी
तेरे चरणों तले हमेशा जवान रहेगी
कफन ए तिरंगे की तमन्ना
एक बार नही बार-बार रहेगी ।
जय हिंद