सच पूछो तो भारत में उस दिन आजादी आएगी ,
एक राष्ट्रध्वज की जद में जब सारी जनता आ जाएगी ।
क्षेत्रवाद की आग बुझाकर , सम्प्रदाय की दीवार पार कर ,
जन जन की जुबाँ हो समवेत स्वर धुन वंदे मातरम गाएगी ।। सच पूछो तो भारत में ....
दंगों की उठती आवाजें जिनको जगा नहीं पाई ,
सौदा करते माँ की अस्मत का जिनको लाज नहीं आई ।
गली गली में जिनके पीछे जनता बिलख बिलख रोये ,
बन जनसेवक रजधानी में जो मीठे सपनों में खोये ।
ऐसे गद्दारों से जिस दिन गद्दी खाली हो जाएगी ।। सच पूछो तो भारत में .....
जब कश्मीर का मुद्दा हल होगा ,अपना उज्ज्वल वो कल होगा ।
तब अमर जवान के सम्मुख अखण्ड दीप का जलना सफल होगा ।
काश्मीर की चर्चा जब मुद्दे के बदले भारत के राज्यरूप में की जाएगी ।
बंदूकों से सजी घाटियाँ हो पुष्पमय सौरभ महकाएगी ...
सच पूछो तो भारत में उस दिन आजादी आएगी .....
राष्ट्रयज्ञ के हवन कुण्ड में जिसने सिन्दुर का त्याग किया ।
उस माँ की कोख फले फूले जिसने अपना भाग दिया ।
वो लम्हा सदा अमर होगा जब उनके बलिदान की कीमत आँकी जाएगी ....
ऐसे वीर शहीदों की ,ऐसे अमर शहीदों की हो नतमस्तक कथा बखानी जाएगी ....
सच पूछो तो भारत में उस दिन आजादी आएगी .....