मैं हूँ एक आधुनिक नारी
जो नहीं होना चाहती किसी पुरूष पर भारी
ना ही चाहती हूँ किसी देवी की उपाधी
क्योंकि मुझे प्यारी है अपनी आज़ादी
बस चाहती हूँ ख़ुद का आस्तित्व
और होना चाहती हूँ ख़ुद पर आधारित
रहना चाहती हूँ उन रिश्तों और बन्धनों से मुक्त
जो किसी नारी को बनाते हैं लाचार और बेचारी
क्योंकि...
मैं हूँ एक आधुनिक नारी
जो नहीं होना चाहती किसी पुरूष पर भारी
नहीं चाहती पुरूषों से ज़्यादा मान
बस मिले मुझे मेरे हक का सम्मान
और यही होगा मेरा वास्तविक अभिमान
जो बनाएगा मेरे देश को महान्
अब इस दुनियां को बताना है
ये बात हर बारी
कि
मैं हूँ एक आधुनिक नारी
जो नहीं होना चाहती किसी पुरूष पर भारी ..