आओ इस बार
कुछ यूं दीपवली मनाए।
बिजली के ब्लबो की जगह
घी के दिये जलाये।
आओ इस बार
कुछ यूं दीपावली मनाए।
फुलझड़ियां छोड़े प्रेम की
रिश्ते मजबूत बनाये।
आओ इस बार
कुछ यूं दीपावली मनाए।
घर बाहर साफ तो रखे
मन का भी मैल मिटाए।
आओ इस बार
कुछ यूं दीपावली मनाए।
दीप जले उनके भी आंगन
सीस जिन्होंने सीमा पे गवाए
आओ इस बार
कुछ यूं दीपावली मनाए।
अंधकार को मिटा हृदय से
ज्ञान ज्योति जलाए।
आओ इस बार
कुछ यूं दीपावली मनाए।
कथनी करनी में समता की
मन मे अलख जगाए।
आओ इस बार
कुछ यूं दीपावली मनाए।
सड़क,चौराहो पर निरीह जो
चहरो पर उनके मुस्कान सजाए।
आओ इस बार
कुछ यूं दीपावली मनाए।
अपनी खुशिया दुगनी करले
विजय ओरो को खुशी दे आए।
आओ इस बार
कुछ यूं दीपावली मनाए।