ऐसा संसार मिला

ना जाउंगी अब बाहर 
की बाहर एक शैतान खड़ा 
माँ ऐसा क्या किया मैंने जो मुझे ऐसा संसार मिला

देखा है मैंने यहां रोती हुई लडकियाँ    
बिलखती हुई लडकियाँ 
माँ तू ही बता मुझे ऐसा क्यों श्राप मिला
रात का अँधेरा डराता है 
चार लोगो का घेरा डराता है 
जो अकेली होती हूँ मन घबराता है 
माँ तू ही बता मुझे क्यों नही यहाँ कोई भगवान मिला

ये देश  है धर्म का 
कर्म का आचार का विचार का 
सुना है मैंने 
फिर क्यों नहीं मुझे यहाँ कोई कर्मवीर धर्मवीर इंसान मिला

बिकते हैं मासूम यहाँ 
चंद सिक्कों में 
बिकती है इज़्ज़त यहाँ 
कुछ दरिंदो के हांथो में 
माँ तू ही बता मुझे क्यों नही यहाँ नेक दिल इंसान मिला

थक गयी हूँ पुकार के 
रूठ गयी हूँ इस दुनिया से हार के 
की अब पूछना है उस परमात्मा से 
क्यों मुझे ये उम्र भर का दर्द मिला
माँ तू ही बता मुझे क्यों ऐसा संसार मिला....


तारीख: 10.06.2017                                    अंशु कुमार









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