दिल में एक लौ जलाए रखना
हो कितनी भी मद्धम चाहे सबसे छुपाए रखना
कभी जो मेरी कोई बात याद सी आ जाए
हल्की सी छुअन जब एहसास में इतराए
साथ मेरी यादों के साये रखना
दिल में एक लौ जलाए रखना
शब्द मेरे जो तुम्हारे दिल तक नहीं पहुँच पाए
सदाऐं मेरी जो रास्ता भटक जाएँ
मीलों की दूरी हो सदियों की ख़ामोशी हो
चाहे सब उपहार मेरे पाराए रखना
दिल में एक लौ जलाए रखना
कभी जो यूँही तुम अतीत के पन्ने खोलो
सब कुछ रखो तुम्हीं तक किसी से कुछ ना बोलो
कभी जो बारिशों में ये आँखें भी बरसने लगें
यूँही जो हम इक दूजे को तरसने लगें
ज़िंदा ख़ुद में मेरी सारी वफ़ाएँ रखना
बस दिल में एक लौ जलाए रखना
हो कितनी भी मद्धम चाहे सबसे छुपाए रखना