प्रेम की पावनता है ये, रिश्तो का कारोबार नहीं,,
बरसों से इन रीतियों का, अनुसरण हुआ है,,
सात फेरों की प्रीतियों का, पावन प्रण हुआ है,,
इन पावन क्षणों का कभी, होता झूठा आधार नहीं,,
करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,,
प्रेम की पावनता है ये, रिश्तों का कारोबार नहीं,,
अलग नहीं होते पति पत्नी, एक दूजे में रहते हैं,,
ये केवल "राणा" नहीं कहता, वेद हमारे कहते हैं,,
लेकिन सजना सवंरना ही, प्रेम का व्यवहार नहीं,,
करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,,
प्रेम की पावनता है ये, रिश्तों का कारोबार नहीं,,
साजन ख़ातिर देखो, सजनी केसे भूखी रहती है,,
प्रेम में सजी धजी देखो, योवन की नदियां बहती है,,
जिसमें चूड़ी, कंगन,बिंदिया,से बढ़कर श्रृंगार नहीं,,
करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,,
प्रेम की पावनता है ये, रिश्तों का कारोबार नहीं,,
पति की लंबी आयु का,पत्नी ये व्रत करती है,,
अपनी मांग सिंदूरी को, वचनों से नित भरती है,,
ये ऐसा सोदा जिसमें धोखे का व्यापार नहीं,,
करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,,
प्रेम की पावनता है ये, रिश्तों का कारोबार नहीं,,