सुनो पुरूष
मै औरत हूँ
मै निहित हूँ कण कण मे
तुम्हारे आस्तित्व मे
तुम्हारे व्यक्तित्व मे
मै स्वयं सम्मान हूँ
तुम्हारा अभिमान हूँ
मेरा एक नहीं
मेरा हर दिन है
तुम दे रहे जो उधार मे
सम्मान मुझे स्वीकार नहीं
ये इन्कार खुद से मेरा प्यार है
तुम्हारे भावना का प्रतिकार नहीं
मै नींव हूँ अपने घर की
मै तुम्हारा आधार हूँ
चलो मान लो
मै हूँ तो तुम हो
मै मानती हूँ
कि तुम हो तो मै
तुम आधी दुनियाँ हो
तो आधी दुनियाँ मै...