तेरे साथ जीने मरने की

तेरे साथ जीने मरने की,
ख्वाहिश अधूरी रह गई।

तुमसे जब जब चाहे बोलना,दो प्यारे बोल।
वो दिन अधूरे रह गये,वो रात अधूरी रह गई।

तेरे साथ जीने मरने की,
ख्वाहिश अधूरी रह गई।

मैं चाहता था,तेरा साया बनकर चलूँ में।
वो अरंमा अधूरे रह गये,वो चाहत अधूरी रह गई।

तेरे साथ जीने मरने की,
ख्वाहिश अधूरी रह गई।

दिल की बात को कुछ शब्दों में उकेरना चाहा।
वो शब्द अधूरे रह गये,वो बात अधूरी रह गई।

तेरे साथ जीने मरने की,
ख्वाहिश अधूरी रह गई।

किसी मोड पर तुझसे मिला पर,ज्यादा कुछ कह न सका।
वो बोल अधूरे रह गये,वो मुलाकात अधूरी रह गई।

तेरे साथ जीने मरने की,
ख्वाहिश अधूरी रह गई...


तारीख: 22.06.2017                                    रामकृष्ण शर्मा बेचैन









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