ये चांदनी रात ,
ये हल्की हल्की बरसात
ये तारों का टिमटिमाना
ये अंधेरे का यूँ आहिस्ता से घुल जाना
ये हवा का झरोखा
ये आसमान का आँचल
जैसे हो आंखों का काजल
सब सुहावने लग रहे है
दिल का हाल बयां कर रहे है
मानो सब ख्वाब सा है
इन रातों की गहराइयों में
मिल रहा कोई जवाब सा है