जिंदगी एक पहेली

जिंदगी एक पहेली सी

कभी हँसाती 

कभी रूलाती

नित नये सपने दिखाती

कभी खुशियों की बौछार करती तो

कभी गम की फुहार

कभी अपने को पराया बनाती तो

कभी पराये को अपना

कभी छुईमुई सी मुरझा जाती तो

कभी रंग-बिरंगी तितलियो सी इतराती

कभी होली की गुझिया तो

कभी दीवाली के पटाखे

कभी पानी की रिमझिम बरसात तो

कभी तपस की उमस

कभी भाई-बहन का त्योहार तो

कभी सावन के झूले

सचमुच हरक्षण प्रतिपल एक नया पाठ पढ़ाती

जिंदगी एक पहली सी।

 


तारीख: 02.01.2020                                                        मल्लिका "एक परिचय"






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