तेरा साथ

संग तुम
प्रत्यंग तुम
अंतहीन
प्रसन्न तुम
नीर तुम
हृदयंग तुम
भेद तुम
अधीर तुम
बढ़ चले
तरंग तुम
आस तुम
आभास तुम
साज़ तुम
आग़ाज़ तुम
मीन तुम
आकाश तुम
कर्म तुम
मर्म तुम
क्षीण तुम
आजान तुम


तारीख: 12.08.2017                                    मनोज शर्मा









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