अब- वो देखे अम्बर ऊपर, तब- वो करे इंगत एक तारा,
अब- वो देखे चाँद के पीछे, तब- वो करे उंगली से इशारा,
जाने कैसा पागलपन है। सुना है- बिछड़ा था यंही, जमीं पर यारा।
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