डॉ साहब! देखिए न इसे भूख नही लगती,मेरे बेटे की भूख बढ़ाने की कोई दवा दीजिये ना।चमकदार ब्रांडेड कपड़े पहने एक व्यक्ति डॉक्टर से कहा।
डॉक्टर - ये लीजिये, दो गोली सुबह- शाम दूध के साथ सेवन कराईएगा,आपकी समस्या दूर हो जायेगी। दवा लेकर वह व्यक्ति चला गया।
तभी डॉक्टर की नज़र, कोने मे दुबकी खड़ी ,मैली फ्रॉक पहने एक 12 साल की लड़की पर गयी। वो लड़की पास ही के ईंट भट्ठे पर मज़दूर थी।
डॉक्टर -अरे बेटा! वहां क्यों खड़ी हो, क्या बात है?
लड़की(सकुचाते हुए)- डॉ साहब! कोई दवा दीजिये न, जिससे भूख न लगती हो, भूख लगने की वजह से मैं ईंट भट्ठे पर ठीक से काम नही कर पाती हूँ, और मुझे अगर कम भूख लगेगी, तो मेरा छोटा भाई भी ठीक से खाना खा पायेगा।
डॉ स्तब्ध थे, उनकी आंखो मे पानी था,वो इस समस्या का समाधान ढूंढ नही पा रहे थे,पहली बार उनका ज्ञान फेल था।भूख वही थी,फर्क समाज का था।