प्रीत ही प्रीत हो
हार भी जीत हो
तुम पुकारो प्रिय
हम पुकारे प्रिय
नजरो के दरमियां
कुछ बाते बने
चांदनी रात में
यू सौगाते बने
अधरों पे अब तेरा
बस तेरा गीत हो
प्रीत ही प्रीत हो
हार भी जीत हो
तुम न भूलो हमे
हम न भूले तुम्हे
तुम भी चाहो हमे
हम भी चाहे तुम्हे
मिट गई दूरिया
भर गए फासले
धड़कनो का तुम्हे
श्रव्य संगीत हो
प्रीत ही प्रीत हो
हार भी जीत हो
जब से सोचा तुम्हे
तब से चाहा तुम्हे
साथी हर जन्म का
हमने माना तुम्हे
तुमसे जब से मिली
दिल ने चाहा यही
तेरी बाहो में विजय
अब मेरी ईद हो
प्रीत ही प्रीत हो
हार भी जीत हो।