केवल चाह लेने से

केवल चाह लेने से किसी का बुरा नहीं होता
जो हक़ीक़त में है वो कभी झूठा नहीं होता ।
लाख कोस ले कोई किसी को उम्र भर यारों
कुछ भी याँ रब की मर्ज़ी के बिना नहीं होता ।
खुदगर्जी खुश रहती खुशामद पा कर बेहद
और खुद्दारी कभी किसी पे टिका नहीं होता ।
राहें बदल दे जो हर ठोकर पे दौर-ए-सफ़र
और कुछ भी हो किसी का रहनुमा नहीं होता ।
झेलने पड़ते हैं न जाने क्या-क्या सितम यहाँ
आसानी से कोई पीर,पैगंबर,मसीहा नहीं होता ।


तारीख: 07.02.2024                                    अजय प्रसाद









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है