टूटती सांस मे जिंदगी आ गयी
इक अंधेरे के घर रौशनी आ गयी
भाग्य ले कर प्रबल रूप श्री का लिये
आसमाँ से उतरकर परी आ गयी
मेरे बेटा अधर है हमारा अगर
उस पे बेटी मेरी बन हँसी आ गयी
कब से उजड़ा पड़ा था पिता का चमन
साथ ले कर बहारें कली आ गयी
हाल-ए-दिल इस अतुल का वही जानती
बन सखा आज दीदी मेरी आ गयी