शहर का एक जानामाना पत्रकार होने के नाते मुझे नेताजी के कार्यालय से एक
निमंत्रण आया जिसमें लिखा था अमुक स्थल पर अमुल समय पर एक खूबसूरत
प्रोड्क्ट की लांचिंग की जायेगी। मैं भी समय पर उक्त स्थल पर पहुंच गया।
वहां पहुंचकर देखा कि काफी भीड़ थी। कुछ देर के बाद नेता बोतलदास अपने
युवा बेटे के साथ मंच पर पधारे। बेटे ने सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन किया।
लोगों ने भी हाथ हिलाकर बोतलदास के बेटे का अभिवादन स्वीकार किया।
मंच पर कार्यक्रम शुरू हुआ। बोतलदास ने अपना भाषण शुरू किया। भाईयों एवं
बहनो आज मैं देश सेवा के लिए एक नया प्रोड्क्ट लांच करने जा रहा हूं। यह
प्रोड्क्ट एकदम युवा और जवान है। इसमें देश सेवा की पूरी गर्मी है। मुझे
उम्मीद है कि यह भारतीय रेल की तरह राजनीति की पटरी पर सरपट दौड़ेगा। कम
समय में लोगों की समस्याओं को सुलझायेगा। इस प्रोड्क्ट के राजनीति के
बाजार में आने से अन्य नेताओं के बेटों की दुकानदारी जल्द बंद हो जायेगी।
मेरा यह बेटा विदेश से पढ़कर आया है। इसे मालूम है कि विदेश में काम कैसे
होता है। यह विदेशी मॉडयूल को देश में लागू करेगा ताकि यहां के लोगों को
भी विदेश में होने का अनुभव महसूस हो और वे विदेश की ओर रुख नहीं करेंगे।
बाप के भाषण को सुनकर मंच पर बैठा बेटा मंद-मंद मुस्कुरा रहा था। उसके
चेहरे पर कश्मीर में खिले रसीले सेव के फूल की चमक नजर आ रही थी। ऐसा लग
रहा था मानो उसके मुंह से अभी-अभी सेव के रस टपक जायेंगे।
तभी बोतलदास के एक दूसरे नेता मित्र का भाषण शुरू हुआ। वे बतलाने लगे।
बड़ी प्रसन्नता की बात है कि आज बोतलदास जी नेताओं की दुनिया में एक नये
प्रोडक्ट को लांच कर रहे हैं। इसलिए हम सभी नेताओं और पार्टी
कार्यकर्ताओं को इस नये प्रोडक्ट का स्वागत गर्मजोशी के साथ करना चाहिए।
यही नया प्रोडक्ट राजनीति की दुकानदारी के क्षेत्र में देश का भविष्य
उज्ज्वल करेगा। यही प्रोडक्ट आगे चलकर पीएम और सीएम की कुर्सी पर काबिज
होगा। इस नये प्रोडक्ट का दिल पटना के गांधी मैदान की तरह बड़ा है। इसका
दिल रांची के एचईसी फैक्ट्री की भारी मशीन से भी वजनी है। इसके दिल से
देश सेवा के नये नये उत्पाद का प्रोड्क्शन होगा। तब आप कहेंगे बोतलदास का
बेटा तो बोकारो स्टील की धमन भट्ठियों से भी तेज धधक रहा है।
इसी बीच मेरे बगल में बैठे एक शख्स को मैने कहते सुना यह प्रोड्क्ट अच्छा
नहीं है। उसने आगे कहा आजकल के नये नेताओं में दंगा फैलाने, मारपीट और
अन्य अपराध के भी गुण होने चाहिए। इस शख्स में यह सब गुण नजर नहीं आ रहे
हैं। बोतलदास भी कभी रेलवे स्टेशन पर पानी की बोतलें चुराया करते थे।
चोरी के धंधे में इतना निपुण हो गये कि आगे चलकर नेतागिरी के पेशे में आ
गये। इसी लिए इनका नाम पड़ा बोतलदास। अब इनका बेटा विदेश से आया है तो
क्या खाक राजनीति की दुकानदारी करेगा।
भाषण जारी था। एक अन्य नेता ने कहा कि मैंने अपने बेटों को कह दिया है
आईएएस और आईपीएस बनने की जरूरत नहीं है। यह सभी तो मंत्रियों के नीचे काम
करते हैं। पढ़-लिखकर अनपढ़- मंत्रियों के आगे जी हुजूरी में लगे रहते हैं।
इतना ही नहीं कुछ तो प्रमोशन के लिए नेताओं के घर पर भी अड्डेबाजी करने
से बाज नहीं आते।
शानदार समारोह में नेता बोतलदास के बेटे की राजनीति के क्षेत्र में
लांचिंग हो गयी थी। मैं सोच रहा था कि कही पुस्तक लांचिंग की तरह पैकेट
में बंद बेटे को खोला जायेगा और इसे लोगों को दिखाया जायेगा। ऐसा कुछ हुआ
नहीं। तभी एक दरी बिछाने वाला नेता मुझे नाश्ते का एक पैकेट थमा गया। मैं
नाश्ते का पैकेट लेकर चुपचाप समाचार लिखे कागज और कलम लेकर कार्यक्रम
स्थल से बाहर निकल गया। सोच रहा था पत्रकारिता में भी राजनीति की तरह चमक
होती तो मैं भी अपने बेटे को लांच नहीं कर देता। लेकिन मैं जानता हूं कि
इस धंधे में मैंने कितने पापड़ बेले हैं।