बाबा बोतलदास अखबार कांख में दबाये हुए सुबह-सुबह मेरे घर पधारे। मैंने उनसे पूछा बाबा क्या हालचाल है। तो उन्होंने अखबार के पन्नों को खोलकर पलटते हुए कहा यह देखो आज का अखबार। इसमें लिखा है कि फ्लाइट में एक महिला कपड़े उतार कर चहलकदमी कर रही थी। खबर पढ़कर ऐसा लगता है गोयाकि वह फ्लाइट में न होकर किसी सौदर्य प्रतियोगिता के रैम्प पर कैट वाक कर रही हो। मैंने कहा बाबा इनदिनों रोज ब रोज फ्लाइट में चलने वाले यात्रियों के किस्से अखबारों में छप रहे हैं। कोई दारू पीकर विमान के सहयात्री पर पेशाब कर दे रहा है तो कोई गुटका खाकर विंडो खोलना चाहता है। तो किसी को दिल्ली से पटना जाना हो तो उसे उदयपुर पहुंचा दिया जाता है। पढ़कर ऐसा लगता है कि फ्लाइटें बुरी नजरों से गुजर रही हैं। इसके लिए सरकार को फ्लाइट उड़ाने से पूर्व बुरी नजरों को उतारे की व्यवस्था करनी चाहिए। प्रत्येक हवाई अड्डे पर झाड़- झाड़- फूंक विशेषज्ञ की बहाली होनी चाहिए। हवाई जहाज उड़ाने से पहले उसे तंत्र-मंत्र से झाड़ा जाना चाहिए। अगर इस व्यवस्था में देरी हो तो कम से कम एक नींबू और मिर्चा तो प्रत्येक शनिवार को फ्लाइट के अंदर या बाहर बांधा ही जाना चाहिए। इसके अलावा एक लाल कपड़े में नारियल बांधकर फ्लाइट के अंदर टांगा जाना चाहिए ताकि किसी यात्री या विमान को कोई बुरी नजर नहीं लगे। अगर यात्रियों को बुरी नजर नहीं लगेगी तो वे किसी प्रकार की अशोभनीय हरकत नहीं करेंगे।
बोतलदास ने कहा कोरोना काल के बाद फ्लाइटों की अर्थव्यवस्था चैपट हो गयी है। फ्लाइटों को समुचित मात्रा में यात्री मिल कहां रहे हैं कि यह सब व्यवस्था विमान प्रबंधन विभाग करे।
तब मैंने उन्हें सुझाव दिया कि विमान प्रबंधन विभाग किसी गली-कूचे से उठाकर झाड़ू और सूप तो ला ही सकता है। इन झाडू और सूप को विमान में बांधा तो जा ही सकता है। इससे भी बुरी नजरें फ़लाइट से दूर रहेंगी। अगर सबसे सस्ता उपाय मैं बताउं तो विमानों को उड़ाने से पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है। वैसे हनुमान चालीसा में कहा भी गया है कि भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे, नाशे रोग हरे सब पीडा, जपत निरंतर हनुमत बलबीरा। वे बोले तुम्हारा सुझाव तो अच्छा है, लेकिन विमान प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के दिमाग में यह बात आये तब तो फ्लाइटों का कायाकल्प ही हो जाये। इससे लाभ यह भी होगा कि यात्रियों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है। घाटे में चल रही विमान कंपनियों का घाटा भी पूरा होगा।
आगे बात बढ़ी तो मैंने बाबा बोतलदास को कहा कि हमारा देश धर्मपरायण देश है। कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व गणेश पूजन की जाती है। ऐसी व्यवस्था फ्लाइटों को उड़ाने से पूर्व की जा सकती है। इससे फ्लाइट के अंदर सब कुछ शुभ होगा। ऐसा करने से फ्लाइटों के अंदर से जो बुरी खबरें आती हैं वह भी बंद हो जायेंगी।
मैंने देखा कि मेरी बातों में बाबा को बड़ा मजा आ रहा है तो मैंने एक और सुझाव दे डाला। कहा जब विमान के यात्री किसी हवाई अड्डे पर उतरें या चढ़े तो कुंवारी कन्याओं के द्वारा उन पर फूल और अच्छत के अलावा गंगा जल का भी छिड़काव किया जाना चाहिए। इससे सब कुछ शुभ होगा और उनकी यात्रा भी मंगलमय होगी।