नेता शरणम् गच्छामि

इस दुनियां में नेता सर्वशक्ति प्राणी है। नेता है तो दुनिया है और दुनिया है तो नेता है। नेता आदमी को आदमी से लड़ाता है। आदमी नेता के बहकावे में आकर आदमी से लड़ता है। नेता किसी का नहीं होता। लोग समझते है वह मेरा नेता है। दल भी समझता है वह मेरे दल का नेता है। नेता एक दल से दूसरे दल में जाता तो जिस दल में वह जाता है उसका नेता समझता है कि उसके दल मे कोई बबर शेर आ गया है। लेकिन वह नहीं जानता कि वह खुद उस दल में कल रहेगा या नहीं। 
नेता में कई प्रकार के गुण होते हैं।  वह दल तोड़ सकता है। वह सरकार  गिरा सकता है। वह नई सरकार की इमारत खड़ी कर सकता है। वह सरकार की टांग खींच सकता है। वह दूसरों की आलोचना कर सकता है। वह प्रेस कॉन्फेंस बुलाकर अपनी बातें मीडिया को बता सकता है। मीडिया भी उसी की बातों पर विश्वास करता है।  इसी लिए कहा जाता है-खाता न बही जो नेता कहे वही सही। 
अब देखिये यूक्रेन का नेता नाटो देशों के नेता से मिला तो रूस का नेता आगबबूला हो गया। अपने गुस्से का इजहार कर वह यूक्रेन पर कहर बरपा रहा है। यूक्रेन के शहर तबाह हो रहे है और रूस का नेता अन्य देशों के नेताओं को चेतावनी दे रहा कि इधर ताक-झांक मत करना। हम चाहें यह करें, हम चाहें वह करें मेरी मर्जी। 
नाटो देश के नेता दो देशों को आपस में लड़ाकर तमाशा देख रहे हैं। यूक्रेेन के नेता को नाटो देशों के नेताओं ने रूस के नेता के साथ लड़ने के लिए उकसाया। जब मामला बिगड़ गया तो फिर सभी पीछे हट गये। इसे कहते हैं नेतागिरी। 
कहा जा सकता है कि नेता महंगाई बढ़ता है। नेता दो देशों के बीच लड़ाता है। नेता दो समुदायों में लड़ाता है। नेता धर्म विभेद पैदा करता है। नेता जाति विभेद पैदा करता है। नेता नेता को गली बकता है। नेता लोगों की मदद भी करता है लेकिन अपने वोट बैंक को ध्यान में रखकर। 
नेता चुनाव की फसल भी काटता है। नेता चुनावी नौटंकी भी जानता है। नेता सर्वगुण संपन्न प्राणी होता है। नेता भाषा साहित्य का भी जानकार होता है। किसी भी भाषा या साहित्य पर भाषण झाड़ सकता है। खेलकूद से लेकर अंतरिकक्ष तक पर बातें कर सकता है। 
नेता कंपनी में हड़ताल करा सकता है। नेता मजदूरों को बहका सकता है। नेता अपनी जायज नाजायज मांगों को सरकार के समक्ष रख सकता है। नेता शादी भी कराता है। नेता जोर से बोलता है। जोर से बोलने वाले नेता की गिनती 24 कैरेट सोने की तरह होती है। लोग भी ऐसे नेता को नेता समझते हैं। नेता के पीछे पिछलगुए चलते हैं। जिस नेता के साथ पिछलगुए नहीं चलते उसे नेता नहीं माना जाता। 
नेता कहता है तुम एक बार मेरा शरण में आकर देखो मैं तुम्हारा सबकुछ बना सकता हूं और मैं तुम्हारा सबकुछ बिगाड़ भी सकता हूं।  वर्तमान के युग में मैं ही सर्वसंपन्नयुक्त इच्छाधारी महाप्रभु हूं। यानि नेता शरणम् गच्छामि, समस्या हरणम् गच्छामि। 
 


तारीख: 13.03.2024                                    नवेन्दु उन्मेष









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है