सारा उल्लास ज्यों आकाश में थम जाता है !
नजारो का काफिला जैसे ठहर जाता है !!
कानो के पास कोई खामोशी चिल्लाती है
ख्वाब कोई तब मुसलसल तड़पाती है !!
मक्कारी सी लगती है ये दुनिया सारी !
आती है मुझे जब जब याद तुम्हारी !!
आती है मुझे जब जब याद तुम्हारी...
जब कोई अपना सा नही मिलता है !
कोई फूल जब पूरा नही खिलता है !!
हँसी जब खामोशी में बदलती है !
कोई याद जो बातो में ढलती है !!
ठहर सी जाती है फिर बातें सारी !
आती है मुझे जब जब याद तुम्हारी !!
आती है मुझे जब जब याद तुम्हारी...
तन्हाई मुझको महफिल में मिल जाती है !
सारी सारी रात कोई राग विहाग सा गाती है !!
हवाये जब जोर से चलके रूक जाती है !
ख्वाबो की टहनी फिर जैसे झुक जाती है !!
फिर सब बातें आते है बारी - बारी !
आती है मुझे जब जब याद तुम्हारी !!
तारिख खास हो तो मन बेचैन होता है !!
यादों में ही फिर मेरा दिन रैन होता है !!
दिल रोके भी जब ख्वाब संजोता है !!
कोई माथे पे लेट मेरे खूब सोता है !!
एक जंग खुद से रहती है जारी !
आती है मुझे जब जब याद तुम्हारी !!
दुनिया जब मुझसे मेरा हाल पूछती है !
जैसे कोई जख्म मेरा कुरेदती है !!
आती जाती साँस जब सुनायी देती है !
साया कोई जो आँखो को दिखायी देती है !!
तेरी ही सुरत होती है आँखो में हमारी
आती है मुझे जब जब याद तुम्हारी !!
आती है मुझे जब जब याद तुम्हारी...