बदलाव

सुनो,
काफी दिन हुए तुम्हे इस ओर से गुज़रे
याद है वो लड़की जो
खड़ी रहा करती थी
खिड़की पर अपनी
परदे को सरकाए हुए
हर रोज शरमायी सी
कभी आंगन में दौड़ती-सी
कभी आसमान में छाई-सी
न जाने क्यों
कुछ दिनों से
हँसना भूल गयी है
वो खेलने-कूदने वाली लड़की
अब बदल गयी है....


तारीख: 24.02.2024                                    कामिनी यादव






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