आओ हम सब मिलकर
इस आजादी को नमन करें
आओ हम इस मिट्टी का तिलक करें
यह धरती है वीर-जवानों और बलिदानों की
आओ हम सब मिल कदम बढ़ाएं
भारत को आगे बढ़ाएं!
कलाम की इंसानियत को अपनाएं
जात-पात, ऊंच-नीच, छोटा-बड़ा, भेद-भाव
और बदले की भावना से ऊपर उठें
अगर कोई धर्म अपनाना है
तो इंसानियत का धर्म अपनाएं।
क्योंकि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता
आखिर में इंसान ही इंसान के काम आता है।