दिल चाहता है।

दिल चाहता है रहूं हर पल तेरे संग,
जीवन में भर दूं तेरे हजारों हसीन रंग।
तितलियों को पकड़ कर अपने आंचल में छुपा लूं,
कुदरत की हसीन वादियों में खो कर जी लूं।
दिल चाहता है कि हम तुम मिलकर हसीन ख्वाब देखे,
उन लम्हों को यादों में पिरोकर यादें बना लें।
सारे जहां की  फ़िक्र छोड़ कर राह अपनी  चुन लूं,
उन राहों में तेरी फूलों की सेज बिछा लूं।
दिल चाहता है हौसलों की उड़ान भरूं,
जो जी चाहे अपनी मर्जी से मैं वो करूं।
बागवा का फूल बनकर राह में शीतलता बिखेरु,
कड़ी धूप में किसी के जीवन में उमंग भर दूं।
दिल चाहता है पंछी बनकर,
खुले आसमां में उडू,।


तारीख: 20.02.2024                                    रेखा पारंगी









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