हम से तेरे

हम  से तेरे  ये नाज़ो नखरें उठाए न जाएंगे
गली में तेरे  मुझसे चक्कर लगाए न जाएंगे।
कबूल हूँ गर इश्क़ में तो तू खुद आके मिल
इस कदर भी आशिक़ी में झुकाए न जाएंगे ।
हाँ तू है बेहद खूबसूरत तो बता मै क्या करूँ
तारीफों के  पुल हमसे और बनाए न जाएंगे ।
मेरी भी कुछ हैसियत तो होगी तेरी नज़रों में
रिश्ते  गुजरे वक्त की तरहा निभाए न जाएंगे।
फारिग हो जा मुझसे या फना कर दे मुझे तू
फ़ालतू तेरे लिए दुसरे तो  ठुकराए न जाएंगे ।


तारीख: 19.03.2024                                    अजय प्रसाद









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