जो होता है सब खुदा की मर्ज़ी से होता है मगर तबाही इंसान की खुदगर्ज़ी से होता है । लगे तो रहते हैं "सत्यमेव जयते "की तख्तियां कहाँ काम दफ्तरों में फक़त अर्जी से होता है ।
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