जो होता है

जो होता है सब खुदा की मर्ज़ी से होता है
मगर तबाही इंसान की खुदगर्ज़ी से होता है ।
लगे तो रहते हैं "सत्यमेव जयते "की तख्तियां
कहाँ काम दफ्तरों में फक़त अर्जी से होता है ।


तारीख: 11.02.2024                                    अजय प्रसाद









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