बैठी हूं इंतजार में तुम्हारे,
कब आओगे मिलने प्रियतम हमारे।
अब तो लगती लंबी रातें,
याद आती है तुम्हारी बातें।
बिखरी बिखरी सी जिंदगी
तुमसे जुड़ी है मेरी बंदगी।
विरह की वेदना सही नहीं जाए,
तुम्हारे बगैर एक पल रहा ना जाए।
कब आओगे ?
तुम्हारे आने के इंतजार में,
खो गई हूं मैं अपने आप में।
पाने को एक झलक तुम्हारी,
अस्त व्यस्त पड़ी है जिंदगी हमारी।