किसी पेड़ को
कभी सुना कि उसने कहा हो
कभी उड़ती फिरती
चिड़िया से
कि वो प्रेम करता है
उस से।
जब भी वो सुस्ताती है
उसकी डालों पर
वो सरसरा कर छांव करता है,
अपने मीठे फल देता है,
बारिश बुलाता है
और ताल भरता है उसके लिए।
तुम्हे क्या लगता है1
ये सब कभी
महसूस किया होगा क्या
उस चिड़िया ने।
नहीं न!
तो तुम कैसे सुन पाओगे,
कैसे महसूस कर पाओगे,
मुझे!