तुम भले ही इन्कार करो हर
उस बात से
जिस बात में मेरा जिक्र हो
पर मैनें सुना हैं कि मेरी ही
यादों में रात को तकिया भिगोते
हो
और जब भी मन उदास हो, तो
मेरा तुम्हारे बालों को सवारना
चुपके से महसूस करते अब भी
हो
और मैंने सुना हैं कि
सुबह मेरे जगाने का इंतजार करते अब भी
हो
मेरी ही यादों में रात को तकिया भिगोते
अब भी हो
मैंने तो यह भी सुना है,
कि
मेरे हाथ के बनाये गुजिया Miss
करते अब भी हो
मेरे बिना अब कभी Long drive
पर भी नहीं जाते हो,
और सुना है कि मेरे अलावा
प्यार की नजरों से किसी और को
कभी देखते भी नहीं
हो
मेरे इश्क ने तुम्हें कुछ इस तरह मार
डाला कि
अब जिन्दा लाश बन गए हो
तुम