एक अध्यापक की \"कलम\" से ....

एक अध्यापक की "कलम" से ....
"परीक्षा की मार्कशीट आपके बच्चे के सपने का पैमाना नहीं हो सकता...."

जैसे-जैसे परीक्षा की घड़ी पास आती है, वैसे-वैसे बच्चों और अभिभावकों के माथे पर चिंता की लकीरें आने लगती है. ये वो समय होता है जब मेहनत का प्रतिफल अंकों के रूप में मिलता है जो करियर की बुनियाद रखता है।

परीक्षाओं का दौर ख़त्म हो चूका है और परिणाम आने को है. सभी अभिभावक परिणाम को लेकर या कहना सही होगा की अंक को लेकर चिंता में है क्योंकि शिक्षा का अर्थ अंक और डिग्री बटोरना हो गया है। मगर अंकों के दबाव में कई बार जीवन दब जाता है।  जीवन में सफलता की कुंजी हम अंकों और प्रतिशत को मान बैठे हैं।

अब समय आ गया है कि बच्चों के मन और भाव को समझने का.हमें विचार करना होगा की आज जो छात्र परीक्षा दे चुके है, उनमें से कुछ "कलाकार" है, जो देश का नाम रौशन करेंगे भले ही उनकी गणित की गणना सही ना हो.इनमें जो भविष्य के "खिलाड़ी" है उनकी फिजिकल फिटनेस, फिजिक्स के अंकों से ज्यादा ज़रूरी है.वहीँ भविष्य के कुछ "सफल बिजनेसमैन" बनने वाले हैं, जिनको विज्ञान का ज्ञान भले ना हो लेकिन आने वाले समय में वे इतिहास रचा देंगे."संगीत या शास्त्रीय संगीत" में रूचि रखने वालों का रसायनशास्त्र में ज्ञान कोई मान्य नहीं रखता.आपके बच्चे को राजनीति शास्त्र में चाहे कोई रूचि ना हो और उसका भूगोल भी गोल लग रहा हो तो क्या... उसका कोई ना कोई हुनर उसे आगे ले जायेगा.

परीक्षा फल जीवनफल नहीं है. अगर आप अपने बच्चे को कुछ बनाना चाहते हैं, तो उन्हें खुशमिज़ाज़ बनाएं, तो उनका जीवन सफल है, लेकिन यदि वह खुशमिज़ाज़ नहीं तो चाहे वह कुछ भी बन जाए, कितने अंक, प्रतिशत ले आये या कितनी भी डिग्रीयां प्राप्त कर ले वह सफल नहीं हो पायेगा.

बच्चों के हँसते-मुस्कुराते चेहरे अच्छे लगते हैं। उनके चेहरों पर शिकन और उदासी अच्छी नहीं लगती।अपनी आकांक्षाओं को बच्चों पर ना लादें। बच्चों की असफलता को भी स्वीकारें, उनका आत्मविश्वास न छीनें. और उन्हें भी स्वीकारने के लिए मजबूत बनाए ताकि वो दोगुने उत्साह और तैयारी से पुनः परीक्षा की तैयारी कर सकें।

उसे प्यार दे, उसका सम्मान करें, उसके बारे में अपना फैसला ना सुनाये. बच्चों के प्रतिभा को मात्र अंकों या डिग्रियों से ना आंके. तो क्यों ना उनके भावनात्मक सम्बल बनें.

बच्चों से भी गुजारिश है की हतोत्साहित करने वालों से दूर रहें और अपने में सुधार कर आगे बढ़ जाएँ। समय और जीवन अनमोल है, इसे क़तई बर्वाद ना करें। सुनहरा भविष्य आपका इंतज़ार कर रहा है...उससे मिलने के लिए पूरी ऊर्जा और लगन से कड़ी मेहनत जारी रखें.

बहुत बहुत शुभकामनाएँ !

आपका अपना "अध्यापक"
 


तारीख: 20.02.2024                                    मंजरी शर्मा









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