तू ऐसा क्यों है

हज़ारो रंग देखे तेरे
तू सब में जंचता क्यों है
खफा है जग से जब तू
मुझे देख कर मुस्कराता क्यों है

कहानी कुछ भी नही दरमियां
फिर उसमें रंग घोलता क्यों है
रुठ कर जाता है जब मुझ से
दुबारा मुड़ कर देखता क्यों है

ख्वाइशें की जंजीरे पहन कर
दिन रात सपने बुनता क्यों है
संसार जीत कर सोता है तू
फिर रात को उठ कर रोता क्यों है

खफा है जग से जब तू

मुझे देख कर मुस्कराता क्यों है


तारीख: 20.10.2019                                    राजेश कुट्टन









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