दिल आज फिर से गुस्ताख़ी कर बैठा
फिर आज ये किसी से प्यार कर बैठा।
ख्यालों में उसी के खोया रहता है
मेरी सुनता नहीं अपनी ही कहता है।
मालूम नहीं था मोहब्बत में ऐसा होता है
एक पल सब अपना पल में पराया होता है।
प्यार में किये वादों को सच्चा जान बैठा
समय आने पर उनको पहचान बैठा।
तेरी खुशी में खुश है दिल ये मेरा
तुम आओ न आओ इंतजार हमेशा रहेगा तेरा।
दिल आज फिर से गुस्ताख़ी कर बैठा
फिर आज ये किसी से प्यार कर बैठा।