इंसान !!
एक आॅन टी. व्ही है।
चैनल अनगिनत हैं
धार्मिक , नैतिक , प्रवचनों वाले चैनल
सामाजिक , समूहों, सदस्यों वाले चैनल
विज्ञान , खोज , अनुसन्धान वाले चैनल
सुख-दुख, निद्रा -जाग्रती
दौड़-विश्राम, ठलुआगिरि-काम
सब ,घोड़ो की दौड़ के जैसे , एक साथ चलते हैं इंसान में
बिना रूके
बीना थके
अनभिज्ञ , कि शायद टी. व्ही ध्वस्त हो सकता है
अद्रश्य हो सकता है।
जल्दी, हाँ जल्दी संचालक खोजना पड़ेगा
जो चलाता है टी. व्ही
जो बन्द करे यह सब।
कदाचित वह खोज ही, जीवन का उद्देश्य है!!