बस्ती की गलियों में गूंजा एक सवाल,
क्या मिलेगी इंसाफ की रोशनी एक दिन।
बच्चों की हंसी में छिपा दर्द का राज,
दुनिया देखेगी उनकी खुशी एक दिन।
सपनों की दुनिया में बंधे परवाज़ के पंख,
मिलेगी मंजिल उन्हें भी एक दिन।
घरों की छतों पे तारों से बातें करते,
चाँद को छू लेंगे ये बच्चे एक दिन।
खुशियों का मेला लगेगा इस बस्ती में,
गीत गाएँगे सभी खुशी के एक दिन।
हमारी बस्ती का हर बच्चा एक सितारा,
जगमगाएगा ये आसमान भी एक दिन।