आँख ने आँसू बहाए। तुम बहुत ही याद आए।।
एक झूठी कल्पना में, ख्वाब रातों भर सजाए।
यह सरासर जुल्म होगा, प्यार में सब कुछ गँवाए।
यदि हुई ईमानदारी, घूस चलने भी न पाए।
सूर्य की आशा किया तो, धूप से ज्यों छत नहाए।
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