रात भर तारे चुने थे सपने सजाने के बाद
आँख खुली तो अंधेरा था, चिराग जलाने के बाद।।1।।
ख्वाब में जो रास्ते थे, वो खो गए यारों
दिल था बेचैन हर एक कदम बढ़ाने के बाद।।2।।
जिंदगी की राह में फूल बिछाए थे हमने
कांटे मिले हर एक ख्वाहिश उठाने के बाद।।3।।
बचपन की यादें थीं जैसे कल की बात हो
बड़े हुए तो समझ आया, खिलौने गिराने के बाद।।4।।
हर खुशी का अहसास था जब तक वो साथ थे
तन्हाई का अलम बसा, साये बिछड़ जाने के बाद।।5।।
उम्र की दहलीज़ पर कदम रखते ही समझा
बचपन की हँसी कितनी कीमती थी, बड़े हो जाने के बाद।।6।।